Saturday, 24 August 2013



"हरे रंग को खुश करने में, भगवा को नीलाम किया..!


"सीना चीर दिया वेदों का, घायल किया पुराणों को..!
बेच दिया वोटों की खातिर, संस्कृति के प्रतिमानों को..!"
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"हरे रंग को खुश करने में, भगवा को नीलाम किया..!
अरे सियासी कलमूहों यह बहुत घिनौना काम किया..!"
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"तुमने काशी-पूरी-द्वार िका के ध्वज को दुत्कारा है..!
दस जनपथ पर कालिख है ऐसा अपराध तुम्हारा है..!"
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"जिस रंग से पहचान हमारी धर्म सनातन जिंदा है..!
उसपर तुमने दाग लगाया हर हिन्दू शर्मिंदा है..!"
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"भगवा को आतंक बताने वालों मुझको लगता है..!
नस्ल तुम्हारी नकली है और खून तुम्हारा गन्दा है..!"
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"वन्दे-मातरम्"
'जय-माँ-भारती